- 48 Posts
- 375 Comments
ब्रेकिंग न्यूज़ और सनसनीखेज खुलासों के इस दौर मे अगर मैं आपसे कहूँ कि,मेरे घर के आँगन मे एक खिड़की मे एक चिड़िया ने घोंसला बनाया है ,तो आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी ?बिना आँख फैलाए ,बिना मुँह खोले -बस एक हल्की सी मुस्कान ….दरअसल आज जीवन की आपा-धापी मे हम भूल गये हैं ..चिड़ियों का चहकना …फूलों का खिलना …नंगे पैर हरी घास पर चलना और सूरज का उगना और ढलना…चलिए माना कि,शहरों मे प्रदूषण बहुत बढ़ गया है(जिसमे कुछ योगदान हमारा भी है)इसीलिए हम कहीं दूर किसी रमणीक स्थल पर जा कर प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हैं .ये भी ठीक है,घूमना फिरना नये-नये अनुभव करना यही तो जीवन है .पर क्या आपने सोचा कि,एक फूल तो आपके घर की छत या आँगन मे रखे गमले मे भी खिला था ,कुछ चिड़ियाँ तो आपके आँगन मे भी आकर फुदकी थी या आपके घर की छत से भी ढलता सूरज दिखता है ……कितने लोग हैं जो अपने आस-पास के वातावरण से लुत्फ़ उठाते हैं ,ज़रूरी है कि,हम जिस वातावरण मे रहते हैं उसी मे सुंदरता ढूँढें .जब आप थके हो,अकेले हों,किसी चीज़ से उबे हुए हों या आपका मन कहीं उड़ना चाहता हो और आप किसी सुंदर अनुभूति को संजोना चाहते हों तो खिड़की से बाहर देखें या कहीं टहलने निकल जाएँ .प्रकृति मे सुंदरता को ढूँढना ,बहुमूल्य पेंटिगो अथवा कीमती जेवरों को संग्रहीत करने जैसा ही है ,फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि,इस अकूत खजाने को पाने के लिए आपको एक पाई भी नहीं खर्च करनी पड़ती है.इस्क मूल्य सिर्फ़ आत्म-लीनता है आस-पास देखने पर अनेक साधारण दृश्य,जैसे लताओं से घिरी कोई दीवार या बादलों से छन कर ज़मीन पर उतरी बित्ता भर धूप आपके मन को अनजाने मे ही एक नये एहसास से भर देगी और आपका मन-मस्तिष्क प्रकृति के सौंदर्य-बोध से तरंगित हो उठेगा ,फिर भले ही आप कोई कविता ना लिखें,किसी गीत को सुरों मे ना ढालें ,कोई चित्र ना बनाएँ ,लेकिन आपके मन-मस्तिष्क और जीवन मे होने वाले परिवर्तन जिस कृति की रचना करेंगे वो किसी भी कलाकार की सर्वोत्तम कृति से कम नहीं होगी .
Read Comments